shiv chalisa lyrics bhakti bharat Can Be Fun For Anyone
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अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
क्षम्यतां नाथ, अधुना अस्माकं दोषः अस्ति।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।।
अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
जो यह पाठ करे मन लाई । ता पार होत है शम्भु सहाई ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
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गिरिन्द्रात्मजासंग्रहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदा सन्नगेहम् ।
पुत्र हीन कर इच्छा कोई । निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥
मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महामण्डलं भस्मभूषाधरं तम् ।
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जग वंदन।।
ब्रह्मा विष्णु सदा website शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।